Apathit Gadyansh For Competitive Exams: अगर आप वैसे प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते हैं जिसमें हिंदी विषय के अपठित बोध या अपठित गद्यांश से प्रश्न पूछे जाते हैं तो आप यहां पर अपठित बोध का प्रेक्टिस कर सकते हैं। आप सभी लोगों को बता देना चाहते हैं, यहां पर 15 अपठित बोध उपलब्ध कराए गए हैं जिसका उत्तर भी साथ में ही दिया गया है।
सबसे पहले अभ्यर्थियों को दिए गए अपठित गद्यांश को पढ़ना होगा और उसी अनुसार से पूछे गए प्रश्नों का उत्तर सही-सही देना होगा। गद्यांश को पढ़ने के बाद इस गद्यांश से संबंधित पांच महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव प्रश्न दिए जाएंगे। इन ऑब्जेक्टिव प्रश्न के जवाब आपको चुनना होगा।
Hindi Apathit Gadyansh Practice
अवतरण-1 |
निकम्मे रहकर मनुष्यों की चिन्तन-शक्ति थक गई है। बिस्तरों और आसनों पर सोते-सोते मन के घोड़े हार गए हैं। सारा जीवन निचुड़ चुका है। स्वप्न पुराने हो चुके हैं। आजकल कविता में नयापन नहीं। उसमें पुराने जमाने की पुनरावृत्ति मात्र है। इस नकल में असल की पवित्रता का अभाव है। अब तो एक नए प्रकार का कलाकौशलपूर्ण संगीत-साहित्य संसार में प्रचलित होने वाला है। यदि वह न प्रचलित हुआ तो मशीनों के पहियों के नीचे दबकर हमें मरा समझिए। यह नया साहित्य मजदूरों के हृदय से निकलेगा। उन मजदूरों के कंठ से यह नई कविता निकलेगी जो अपने जीवन में आनन्द के साथ खेत की मेड़ों का, कपड़े के धागों का, जूते के टांकों का, लकड़ी के रंगों का भेदभाव दूर करेंगे। नंगे सिर और नंगे पाँव, धूल से लिपटे और कीचड़ से रंगे हुए वे बेजबान कवि जब जंगल में लकड़ी काटेंगे तब लकड़ी काटने का शब्द इनके असभ्य स्वरों से मिश्रित होकर वायुयान पर चढ़ दसों दिशाओं में ऐसा अद्भुत गान करेगा कि भविष्य के कलावन्तों के लिए वही ध्रुपद और मलार का काम देगा। कला रूपी धर्म की तभी वृद्धि होगी, तभी नए कवि पैदा होंगे, तभी नए औलियों का उद्भव होगा। परन्तु ये अब के सब मजदूरी के दूध से पलेंगे। शुद्धाचरण, सभ्यता और कविता आदि के फूल इन्हीं मजदूर ऋषियों के उद्यान में प्रफुल्लित होंगे
1. नवीन साहित्य का प्रमुख विषय होगा-
(A) आम आदमी का श्रमपूर्ण जीवन
(B) खेत की मेड़, कपड़े के धागे, जूते के टाँके और लकड़ी के रंग
(C) श्रमजीवियों के कण्ठ से निकला कोई राग
(D) गजदूरों के जीवन में बिखरा आनन्द
2. मजदूर बेजबान रहकर भी कविता कर सकता है-
(A) नवीन साहित्य के विषय-रूप में प्रतिष्ठित होकर
(B) अपनी भावनाओं की लिखित अभिव्यक्ति के माध्यम से
(C) औजारों से निकलने वाले संगीत के माध्यम से
(D) भविष्य के कलावंतों को नवीन दृष्टि प्रदान करके
3. आधुनिक युग में लिखी जा रही कविता में नयापन नहीं है, क्योंकि इसमें-
(A) परम्परागत मूल्यों की अवधारणा नहीं है
(B) नवीन भावों की अभिव्यक्ति नहीं मिल रही है
(C) असली काव्य की पवित्रता का अभाव है
(D) नई कला-कौशलपूर्ण अभिव्यक्ति को स्थान नहीं मिला है
4. कविता में नवीन विषयों के अभाव का मुख्य कारण यह है कि-
(A) मनुष्य ने नवीन विषयों पर विचार करना बन्द कर दिया है
(B) मनुष्य ने नवीन कल्पनाएँ करनी बन्द कर दी हैं
(C) मनुष्य का सारा जीवन-रस निचुड़ चुका है, स्वप्न पुराने हो चुके हैं
(D) श्रमहीनता की स्थिति ने मनुष्य की चिन्तन शक्ति क्षीण कर दी है
5. यदि नवीन साहित्य प्रचलित नहीं हुआ तो मनुष्य-
(A) भविष्य में कभी साहित्यिक प्रगति न कर पायेगा
(B) मशींनों का गुलाम बनकर रह जायेगा
(C) नवीन कला-कौशलपूर्ण संगीत से वंचित रह जायेगा
(D) भौतिकता के आधिक्य के कारण भावहीन हो जायेगा
Apathit Gadyansh In Hindi With Auestions And Answers
अवतरण – 2 |
इस संसार में धन ही सब कुछ नहीं है। धन की पूजा तो बहुत कम जगहों में होती देखी गयी है। संसार का इतिहास उठाकर देखिए और ढूँढ़ ढूँढ़ कर सामने रखिए तो आपको विदित हो जायेगा कि जिनकी हम उपासना करते हैं; उन्होंने रुपया कमाने में अपना समय नहीं बिताया था, बल्कि उन्होंने कुछ ऐसे काम किये थे जिनकी महत्ता को हम रुपयों से अधिक मूल्यवान समझते हैं। जिन लोगों का उद्देश्य केवल रुपये बटोरना रह गया है उनकी प्रतिष्ठा कम हो गयी है। उन्होंने जन्म लिया, रुपया कमाया और परलोक सिधार गये। लेकिन अन्त में वे ही पूजा के पात्र रह गये हैं जिन्होंने सच्चे मनुष्यत्व का परिचय दिया है।
1. निम्नलिखित में किसको यह कहा गया है कि यह सब कुछ नहीं है ?
(A) कपड़ा
(B) मित्र
(C) दोस्ती
(D) धन
2. हम किसकी उपासना करते हैं ?
(A) जिसने पैसे कमाये हैं
(B) जिसने प्रतिष्ठा कमाये हैं
(C) जो दिन भर सोते हैं
(D) इनमें से कोई नहीं
3. प्रतिष्ठित व्यक्ति कौन है ?
(A) अधिक पैसा वाले
(B) कम पैसा वाले
(C) जिन्होंने काम किया है पैसा पर ध्यान ही नहीं दिया
(D) इनमें से कोई नहीं
4. कौन व्यक्ति पूजा के पात्र रह गये हैं ?
(A) जिन्होंने सच्चे मनुष्यत्व का परिचय दिया है
(B) जो राजनीति में सबसे ऊपर हैं
(C) जिनके पास पैसे की कमी नहीं है
(D) इनमें से कोई नहीं
5. निम्नलिखित में मनुष्य को क्या कमाना चाहिए ?
(A) व्यक्तित्व
(B) धन
(C) राजनीतिक प्रतिष्ठा
(D) इनमें से कोई नहीं
Hindi Apathit Gadyansh MCQ
अवतरण – 3 |
बहुआयामी भारतीय समाज की स्वतन्त्र चिंतनधाराओं के अनुरूप जिस सामाजिक, धार्मिक या आर्थिक चक्र का उद्भव हुआ वह मूल रूप से न केवल दार्शनिक वरन् वैज्ञानिक कसौटी पर खरा था। सामाजिक क्रान्ति का यह इतिहास चिरकाल से महिलाओं से सम्बद्ध रहा है। रूढ़ियों के उन्मूलन या किसी नवीन संस्कृति के उद्भव और विकास में महिला वर्ग ने जो योगदान प्रस्तुत किया, वह न केवल इन आंदोलनों को व्यापक बनाने में समर्थ हुआ वरन् इसके द्वारा समाज में क्रांतिकारी विचारधारा को स्थायित्व प्राप्त हुआ। धीरे-धीरे समय के साथ उनमें विसंगतियाँ पनपीं और दया, प्यार, परोपकार की साक्षात् मूर्ति मैत्रेयी, गार्गी, सीता, सावित्री जैसी नारियों का देश रूढ़ियों, जाति-पाँति, छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीतियों का पोषक बन गया। स्वतन्त्रता-प्राप्ति के पश्चात् विभिन्न संगठनों एवं संस्थाओं के माध्यम से शिक्षा के प्रचार-प्रसार के साथ ही उनकी सक्रिय भागीदारी का प्रत्येक क्षेत्र में प्रयास किया गया ।
1. “धीरे-धीरे समय के साथ उनमें विसंगतियाँ पनपीं।” वाक्य में ‘विसंगतियाँ’ किससे सम्बद्ध हैं ?
(A) राजनैतिक क्रांति से
(B) आर्थिक असमानता से
(C) धार्मिक अंधविश्वासों से
(D) सामाजिक कुरीतियों से
2. मैत्रेयी, गार्गी, सीता और सावित्री अपने किस गुण के कारण सर्वाधिक प्रसिद्ध हैं ?
(A) क्रान्तिकारी विचारधारा
(B) प्रेम और परमार्थ भावना
(C) शिक्षा का प्रचार-प्रसार
(D) स्वतन्त्र चिन्तनधारा
3. भारतीय महिलाओं का सर्वश्रेष्ठ योगदान क्या है ?
(A) स्वतन्त्र चिन्तनधारा का विकास
(B) रूढ़ियों का उन्मूलन और सांस्कृतिक विकास
(C) शिक्षा के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भागीदारी
(D) सामाजिक, धार्मिक तथा आर्थिक विकास
4. स्वतन्त्रता-प्राप्ति के पश्चात् महिलाओं के सर्वाधिक सहयोग की अपेक्षा किस क्षेत्र में की गई ?
(A) राजनीति में
(B) धर्म में
(C) प्रत्येक क्षेत्र में
(D) संस्कृति में
5. इस गद्यांश का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक क्या है ?
(A) प्राचीन भारत की नारी
(B) आधुनिक नारी
(C) भारतीय नारी
(D) शिक्षित नारी
हिंदी अपठित गद्यांश
अवतरण – 4 |
तुलसी जैसा कवि काव्य की विशुद्ध, मनोमयी, कल्पना-प्रवण तथा श्रृंगारात्मक भावभूमियों के प्रति उत्साही नहीं हो सकता। उनका सन्त-हृदय परम कारुणिक राम के प्रति ही उन्मुख हो सकता है जो जीवन के धर्ममय सौन्दर्य, मर्यादापूर्ण शील और आत्मिक शौर्य के प्रतीक हैं। विजय-रथ के रूपक में उन्होंने सन्त जीवन की रूपरेखा उभारी है और अपनी रामकथा को इसी सन्तत्व की चरितार्थता बना दिया है। उनका काव्य भारतीय जीवन की सबसे बड़ी आकांक्षा मर्यादित जीवन-चर्या अथवा ‘सन्त रहनि’ को वाणी देता है। धर्ममय जीवन की आकांक्षा भारतीय संस्कृति का वैशिष्ट्य है। तुलसी के काव्य में धर्म का अनाविल, अनावरण और अक्षुण्ण रूप ही प्रकट हुआ है। मध्ययुग की आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करते हुए भी उनका काव्य भारतीय आत्मा के चिरन्तन सौन्दर्य का प्रतिनिधि है जो सत्य, तप, करुणा और मैत्री में ही आरोहण के देवधर्मी मूल्यों को अनावृत्त करता है। उनके काव्य में हमें श्रेष्ठ कवित्व ही नहीं मिलता, उसके आधार पर हम सन्त कवित्व की रूपरेखा भी निर्धारित कर सकते हैं। भक्ति उनके सन्तत्व की आन्तरिक भाव-साधना है। इस भाव साधना की वाणी की अप्रतिम क्षमता देकर उन्होंने निष्कम्प दीपशिखा की भाँति अपनी काव्य-कला को निःसंग और निर्वैयक्तिक दीप्ति से भरा है।
1. कवि तुलसी में उत्साह नहीं है-
(A) विशुद्ध एवं कल्पनामय काव्य प्रणयन का
(B) भक्ति-भाव को अभिव्यक्त करने का
(C) धर्ममय जीवन जीने का
(D) सन्त-कवित्व प्रणयन का
2. तुलसी के राम प्रतीक हैं-
(A) सन्तत्व, करुणा और शील के
(B) मर्यादा, भक्ति और सौन्दर्य के
(C) शील, शौर्य और सौन्दर्य के
(D) धर्म, करुणा और शील के
3. तुलसी के काव्य में भारतीय जीवन की सबसे बड़ी अभिलाषा व्यक्त हुई है-
(A) मर्यादित श्रृंगारिकता की
(B) रामकथा श्रवण की
(C) सन्तों की-सी जीवनचर्या की
(D) राम के प्रति उन्मुखता की
4. तुलसी के काव्य में किस भाव-साधना को वाणी दी गई है ?
(A) चिरन्तन सौन्दर्य को
(B) निर्वैयक्तिक दीप्ति को
(C) भक्ति-भावना को
(D) भक्ति-योग एवं ज्ञान को
5. उपर्युक्त गद्यांश का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक है-
(A) सन्त कवि तुलसीदास
(B) तुलसी के राम
(C) तुलसी की काव्य-कला
(D) सन्त-कवित्व की रूपरेखा
अपठित हिन्दी गद्यांश
अवतरण – 5 |
एक व्यक्ति बहुत ही ईमानदार था। हमेशा वह दूसरों की भलाई में लगा रहता था। यह उसकी आदत-सी बन गयी थी। लेकिन जिस व्यक्ति का वह उपकार करता था कुछ दिन बाद वही व्यक्ति उसकी बुराई करना शुरू कर देता था। इन सब बातों से ईमानदार व्यक्ति को बहुत तकलीफ होती थी। एक दिन एक व्यक्ति जो दाढ़ी बढ़ाए हुए था, आ पहुँचा और उन्हें शिक्षा दी कि ईमानदारी इसी में है कि केवल अपना काम करो और अपने बारे में सोचो। उपकार करना बन्द करो। तुम्हारा इसी में कल्याण है। इस प्रकार वह व्यक्ति पर उपकार के बदले स्व-उपकार पर भरोसा किया। लेकिन अब उसका विकास पहले की अपेक्षा कम हो गया। ईमानदार व्यक्ति सोच में पड़ गया और अपना पुराना धन्धा शुरू कर दिया ।
1. व्यक्ति में किसकी चर्चा की गयी है?
(A) बेईमानी की
(B) ईमानदारी की
(C) चरित्र की
(D) इनमें से कोई नहीं
2. व्यक्ति का कौन-सा गुण आदत बन गया था ?
(A) परोपकार
(B) अनुपकार
(C) दूसरे की बुराई करना
(D) इनमें से कोई नहीं
3. ईमानदार व्यक्ति के सामने किस प्रकार का व्यक्ति आया ?
(A) दाढ़ी बढ़ा हुआ व्यक्ति
(B) क्लीन शेव व्यक्ति
(C) धोती-कुर्ता वाला व्यक्ति
(D) इनमें से कोई नहीं
4. दाढ़ी वाला व्यक्ति उस व्यक्ति से क्या कहा ?
(A) उपकार करना शुरू करो
(B) अनुपकार करना शुरू करो
(C) अपना काम करो और अपने बारे में सोचो
(D) इनमें से कोई नहीं
5. दाढ़ी वाले व्यक्ति की बात मान लेने पर उस व्यक्ति का क्या हुआ ?
(A) उस ईमानदार व्यक्ति का विकास पहले की अपेक्षा कम हो गया
(B) उसका विकास दिन दूनी रात चौगुनी होने लगा
(C) वह स्व-उपकार पर भरोसा करने लगा
(D) इनमें से कोई नहीं
Apathit Gadyansh Multiple Choice Questions
अवतरण – 6 |
एक गणित जानने वाला अपनी जानकारी पर गर्व करता था। उसके पाँच बच्चे थे। पाँचों बच्चों को लेकर एक रास्ते से गुजर रहा था। रास्ते में एक नदी मिली। नदी में पानी भरा था। उसने अपने बच्चों की ऊँचाइयों का औसत निकाला और उस औसत से नदी के पानी की ऊँचाई की तुलना किया। नदी के पानी की ऊँचाई कम लगी। अपने पाँचों बच्चों को नदी में पार करने के लिए बढ़ाया। इस प्रकार इसके बच्चे पानी में डूबने लगे। यहाँ उसका गणित फेल कर गया तथा उसे अपने गणित की जानकारी अधूरी लगी तथा फिर गणित जानना शुरू किया।
1. उपर्युक्त अवतरण में जिस व्यक्ति की चर्चा हुई है वह निम्नलिखित में किस विषय का जानकार था ?
(A) भौतिक
(B) रसायन
(C) गणित
(D) विज्ञान
2. गणित जानने वाले व्यक्ति को कितने बच्चे थे ?
(A) 2
(B) 6
(C) 5
(D) 4
3. उस व्यक्ति को रास्ते में क्या मिला ?
(A) एक नदी
(B) एक तालाब
(C) एक झरना
(D) एक कुआँ
4. उस व्यक्ति ने बच्चों को नदी पार करने के लिए क्या उपाय किया ?
(A) बच्चों का औसत निकाला जो ऊँचाई का आधार है
(B) बच्चों को नदी में बिना ऊँचाई प्राप्त किए बढ़ा दिया
(C) बच्चों को पानी में जाने से मना किया
(D) इनमें से कोई नहीं
5. अन्त में उस व्यक्ति को कैसा लगा ?
(A) उसे अपनी गणित की जानकारी अधूरी लगी और फिर गणित जानना शुरू किया
(B) वह गणित का विद्वान था ही अतः उसे गर्व हो गया
(C) गणित उसके लिए आसान हो गया
(D) इनमें से कोई नहीं
Hindi Gadyansh For Competitive Exams
अवतरण – 7 |
अंग्रेजों ने भारत छोड़ दिया और हमें आजादी दे दी लेकिन उन्होंने हमें आजादी के साथ-साथ अंग्रेजी को भी दे दिया। हम अपना सब काम अंग्रेजी में ही कर रहे हैं। हिन्दी हमारी मातृभाषा है लेकिन हम हिन्दी को भूलते जा रहे हैं। गाँधीजी ने कहा था कि हमें हिन्दी को नहीं भूलना है। अगर हम हिन्दी को भूल जाते हैं तो निश्चित ही हम आजाद नहीं हैं। आज के हमारे नेतागण हमारे बच्चे को हिन्दी से दूर करने वाली पाठ्य-तालिका को तैयार करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। हम आजाद तब तक माने जा सकते हैं, जब तक हिन्दी हमारे साथ है। हिन्दी भूल जाने पर फिर अंग्रेजों के गुलाम हो जायेंगे ।
1. हम किसको भूलते जा रहे हैं ?
(A) अपनी मातृभाषा हिन्दी को
(B) अंग्रेजी को
(C) उर्दू को
(D) संस्कृत को
2. अंग्रजों ने आजादी के साथ-साथ हमें क्या दे दी ?
(A) गुलामी
(B) अंग्रेजी
(C) फूट
(D) इनमें से कोई नहीं
3. आज के नेतागण क्या करते हैं ?
(A) अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूल में भेजते हैं
(B) बच्चे को अंग्रेजी पढ़ने की तालिका बनवाते हैं
(C) मातृभाषा को समाप्त करवा रहे हैं
(D) इनमें से कोई नहीं
4. हम आजाद कब तक हैं ?
(A) जब तक हमारे साथ संस्कृत है
(B) जब तक हमारे साथ अंग्रेजी है
(C) जब तक हमारे साथ हिन्दी है
(D) इनमें से कोई नहीं
5. हिन्दी भूल जाने पर हम हो जायेंगे-
(A) फिर से अंग्रेजों के गुलाम
(B) अंग्रेजों से आजाद
(C) कुछ नहीं कहा जा सकता है
(D) इनमें से कोई नहीं
अवतरण -8 |
दाँतों के स्वास्थ्य के क्षेत्र का काम करने वाली 10 साल पुरानी और लोकप्रिय अनुसंधान संस्था ऐरोडेट डेंटल लेबोरेटरी ने पिछले साल मसूढ़ों और दाँतों के लिए ऐरोडेट नाम से एक प्राकृतिक पेस्ट बाजार में पेश किया था। छः ख्यातिप्राप्त डॉक्टरों ने ऐरोडेट डेंटल लेबोरेटरी में इसे तैयार किया था। यह आने वाली अगली पीढ़ी का पेस्ट है। डॉ० मुकेश अरोड़ा जिन्होंने इसे तैयार करने का सपना देखा था उनका कहना है कि अगर मसूढ़े स्वस्थ होंगे तो दाँत अपने-आप स्वस्थ होंगे। इसलिए उन्होंने टूथ पेस्ट नहीं बल्कि गम एवं डेंटल पेस्ट बनाया है। यह 100 ग्राम का है तथा इसका दाम 49.60 रुपये रखा गया है।
1. उपर्युक्त अवतरण में शरीर के किस भाग का वर्णन किया गया है ?
(A) आँख
(B) दाँत
(C) हाथ
(D) पैर
2. कितनी साल पुरानी अनुसंधान संस्था ने पेस्ट का आविष्कार किया ?
(A) 10
(B) 11
(C) 12
(D) 20
3. कितने डॉक्टरों के सहयोग से यह आविष्कार हुआ ?
(A) 5
(B) 6
(C) 7
(D) 8
4. किस डॉक्टर ने इसे तैयार करने का सपना देखा था ?
(A) डॉ० मुकेश गुप्ता
(B) डॉ० सनिल गुप्ता
(C) डॉ० सनिल अरोड़ा
(D) डॉ० मुकेश अरोड़ा
5. इस पेस्ट का मूल्य कितना है ?
(A) 45 रु०
(B) 48 रु०
(C) 49.60 रु०
(D) 49 रु०
Apathit Gadyansh In Hindi Trick
अवतरण – 9 |
यज्ञ एक सुकर्म है जिसके माध्यम से सांसारिक मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं, परंतु परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती। यज्ञ के समय वैदिक मंत्रों के उच्चारण करने पर मंत्रों के रचयिता ऋषि भी अपने सूक्ष्म स्वरूप में विराजमान हो जाते हैं उन्हीं के आशीर्वाद का संकल्प से प्रकृति अनुकूल होने लगती है। तथा अभीष्ट कार्य सिद्ध हो जाते हैं। इससे जीव के अन्दर की हिंसक प्रवृत्ति भी नष्ट हो जाती है। यह आचार्य श्री स्वतंत्र देवजी महाराज की अमृतवाणी का है। यह नयी दिल्ली स्थित कनाट पैलेस के पार्क में प्रवचन करते हुए उन्होंने बताया है कि यज्ञ से मानव जीवन सुखद होता है तथा समाज के अन्दर सुसंस्कृत एवं नैतिक समाज ही भौतिक क्षेत्र में भी आगे बढ़ सकता है। इससे शांति और सद्भावना का वातावरण पैदा होता है।
1. किसको सुकर्म कहा गया है ?
(A) प्रवचन
(B) अमृतवाणी
(C) भाषण
(D) यज्ञ
2. यज्ञ से क्या फायदा है ?
(A) मंत्रों के उच्चारण से प्रकृति अनुकूल हो जाती है
(B) यज्ञ में ऋषि लोग आते हैं
(C) यज्ञ से पैसे की आमदनी होती है
(D) इनमें से कोई नहीं
3. किस आचार्य की अमृतवाणी उपर्युक्त अवतरण में उल्लेखित किया गया है ?
(A) आचार्य नरेन्द्र देव
(B) आचार्य श्री स्वतंत्र देव
(C) आचार्य श्री वर्मन देव
(D) इनमें से कोई नहीं
4. यह अमृतवाणी कहाँ दी गयी ?
(A) नयी दिल्ली स्थित कनाट पैलेस के पार्क में
(B) राष्ट्रपति भवन में
(C) प्रधानमंत्री निवास में
(D) इनमें से कोई नहीं
5. यज्ञ से क्या लाभ है ?
(A) शान्ति एवं सद्भावना का विकास होता है
(B) अच्छे समाज का निर्माण होता है
(C) समाज का कल्याण होता है
(D) इनमें से कोई नहीं
Apathit Gadyansh In Hindi SSC GD
अवतरण – 10 |
अपने शहर को स्वच्छ बनाये रखने के लिए सर्वप्रथम शहर के विभिन्न मोड़ों पर पड़े गन्दे कूड़ा-करकट को साफ रखने तथा शहर के किनारे बह रही गंगा नदी में गिरते हुए गंदे नाली के पानी को बन्द करवाने का प्रयास करना चाहिए। जितनी भी गंदे नाले हैं जहाँ से पानी निकलना बन्द है उस नाले को साफ करवाना चाहिए। सड़क के चौराहों पर फूल-पत्ती लगाने तथा उसको किसी कम्पनी के हाथों सजावट के लिए सुपुर्द कर देना चाहिए। सड़क जाम होने के कारण वाहनों से निकलने वाला धुआँ शहर के वातावरण को अशुद्ध कर देता है। इससे बचने का भरसक प्रयास करना चाहिए। शहर को स्वच्छ रखना हम सबका कर्त्तव्य है।
1. अवतरण में किसको स्वच्छ बनाने की चर्चा की गयी है ?
(A) शरीर
(B) दाँत
(C) समाज
(D) शहर
2. निम्न में कौन सही है ?
(A) शहर को स्वच्छ रखना हमारा कर्त्तव्य है
(B) शहर को स्वच्छ रखना सरकार का काम है
(C) शहर को स्वच्छ रखना दुकानदारों का काम है
(D) इनमें से कोई नहीं
3. गंगा में गिरते गंदे पानी को क्या करना चाहिए ?
(A) इसे बन्द करवा देना चाहिए
(B) इसे साफ करना चाहिए
(C) उपर्युक्त दोनों सही है
(D) इनमें से कोई नहीं
4. गाड़ियों के धुआँ से वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
(A) अँधेरा हो जाता है
(B) वातावरण अशुद्ध हो जाता है
(C) गाड़ी चलाने में परेशानी होती है
(D) इनमें से कोई नहीं
5. सफाई के लिए सड़क के चौराहों पर क्या करना चाहिए ?
(A) फूल-पत्ती लगाना चाहिए
(B) चौराहों पर बत्तियाँ लगाना चाहिए
(C) चौराहों पर दुकानदार की व्यवस्था करनी चाहिए
(D) चौराहों पर पुलिस की व्यवस्था करनी चाहिए
अवतरण – 11 |
जो विद्या की इच्छा रखता है, वह विद्यार्थी है। मनुष्य जीवनभर कुछ-न-कुछ सीखने की इच्छा रखता है। इस दृष्टि से वह सदैव विद्यार्थी रहता है, किन्तु स्थूल रूप से मानव जीवन में विद्यार्थी काल बहुत लंबा समय नहीं है। यह मनुष्य के जीवन का स्वर्णिम काल है। विद्यार्थी-जीवन हँसने-हँसाने का समय है। खेल-खेल में पढ़ाई का अभ्यास इसी क्रम में होता है। माता-पिता लाड-प्यार करते हैं। परिवारजन स्नेह की वर्षा से अबोध मन को गुदगुदाते हैं। नित्य नए मित्र बनते हैं, छेड़-छाड़ चलती है। कभी-कभी बात बढ़ जाती है और नौबत मारपीट, हाथापाई तक आ जाती है परन्तु सारा द्वेष, समस्त क्रोध, सारी कड़वाहट दूसरे पल ही नष्ट हो जाती है। आज जिससे लड़े, कल उसी के साथ बैठ मीठी-मीठी बातें करने का दृश्य दिखाई देता है। खाने-पीने और मौज उड़ाने का यह मस्ताना मौसम चाहे कितना छोटा क्यों न हो, लुभावना और सुहावना होता है।
1. प्रस्तुत अंश में जोर दिया जाता है-
(A) स्कूली शिक्षा पर
(B) चरित्र-निर्माण पर
(C) अनुशासन पर
(D) विद्यार्थी-जीवन की विशेष मानसिकता पर
2. विद्यार्थी-जीवन मोहक है, क्योंकि-
(A) अल्पकालिक है
(B) प्रत्येक इच्छा माता-पिता द्वारा पूरी की जाती है
(C) परिवार, विद्यालय एवं मित्रों के बीच सर्वत्र आत्मीय वातावरण विद्यमान रहता है
(D) किसी प्रकार के अनुशासन की अपेक्षा नहीं होती
3. विद्यार्थी-जीवन का आपसी लड़ाई-झगड़ा जल्दी समाप्त हो जाने का कारण है-
(A) मन की सरल, निष्कपट भावना
(B) बचपन से ही अनुशासन सिखाया जाता है
(C) अकेले रह जाने का आतंक
(D) अध्यापक द्वारा दंडित किए जाने का भय
4. मनुष्य सदैव विद्यार्थी है, क्योंकि-
(A) वह बड़ी-से-बड़ी डिग्री हासिल करना चाहता है
(B) उसका अहंकार शांत होता है
(C) वह ऊँचे से ऊँचे पद पर पहुँचना चहाता है
(D) वह सदैव कुछ नया सीखने की इच्छा रखता है
5. ‘अबोध’ शब्द का अभिप्राय है-
(A) मोहक
(B) सरल
(C) उत्साहित
(D) प्रसन्न
Apathit Gadyansh In Hindi With Questions And Answers
अवतरण – 12 |
इंटरनेट ‘इंटरनेशनल नेटवर्क’ का संक्षिप्त रूप है। दुनिया के विभिन्न स्थानों पर स्थापित टेलीफोन लाइनों अथवा उपग्रहों की सहायता से एक-दूसरे के साथ जुड़े कम्प्यूटरों का नेटवर्क ही इन्टरनेट कहलाता है। सिस्टम में कोई सेन्सरशिप नहीं है। इंटरनेट पद्धति में सम्पूर्ण सूचनाएँ कम्प्यूटरों में भरी होती हैं जिन्हें ‘वेब सर्वर’ कहा जाता है तथा सम्पूर्ण जाल को वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) कहा जाता है। प्रत्येक कम्प्यूटर में निहित जानकारी को ‘होम पेज’ कहते हैं। इसका उपयोग करके व्यक्ति कोई भी जानकारी ले अथवा दे सकता है।
1. इंटरनेट का पूरा नाम बताएँ-
(A) इंटरनेशनल नेटवर्क
(B) इंटरनिगेटिव नेटवर्क
(C) इंटरनेशनल नारकोटिक्स
(D) इनमें से कोई नहीं
2. इंटरनेट से हमें है-
(A) बहुत ही लाभ
(B) बहुत ही हानि
(C) कुछ नहीं कहा जा सकता है
(D) इनमें से कोई नहीं
3. कम्प्यूटर द्वारा सूचना भेजने को कहते हैं ?
(A) वेब साइड
(B) वेब सर्वर
(C) वेब साल्ट
(D) इनमें से कोई नहीं
4. इंटरनेट के सम्पूर्ण जाल को क्या कहते हैं ?
(A) CCC
(B) TTT
(C) SSS
(D) WWW
5. प्रत्येक कम्प्यूटर में निहित जानकारी को क्या कहते हैं ?
(A) इन्टरनेट
(B) वेब सर्वर
(C) WWW
(D) होम पेज
अवतरण – 13 |
आधुनिक युग में समाज और राष्ट्र के जीवन में समाचार-पत्रों का बहुत ही विशिष्ट और ऊँचा स्थान है। समाचार-पत्र मानों अपने देश की सभ्यता, संस्कृति और शक्ति के मानदण्ड बन गए हैं। जिस देश में जितने अच्छे और जितने अधिक समाचार पत्र होते हैं वह देश उतना ही उन्नत और प्रभावशाली समझा जाता है। बहुत से क्षेत्रों में जो काम समाचार-पत्र कर जाते हैं, उन्हें बड़ी-बड़ी सेनाएँ और बड़े-बडे राजनीतिज्ञ भी नहीं कर पाते। समाचार-पत्र एक ओर तो जनता का मत सरकार और संसद पर प्रकट करते हैं, दूसरी ओर देश में सुदृढ़ और सम्पुष्ट लोकमत तैयार करते हैं। देश को सब प्रकार से जाग्रत और सजीव रखने में जितनी अधिक सहायता समाचार-पत्रों से मिलती है उतनी शायद किसी और चीज से नहीं। इसलिए आजकल समाचार-पत्रों का बहुत महत्व है।
1. समाचार-पत्रों का मुख्य उद्देश्य है-
(A) नागरिकों का मनोरंजन करना
(B) मानव-हित की भावना का प्रचार करना
(C) लोगों को समाज और राष्ट्र की गतिविधियों की जानकारी देना
(D) कान्तासम्मित उपदेश देना
2. किसी देश की महानता और शक्ति का आधार है-
(A) समाचार-पत्रों की संख्या में वृद्धि
(B) समाचार-पत्रों का बृहदाकार
(C) समाचार-पत्रों की स्वतन्त्रता
(D) प्रकाशित समाचारों की सरल भाषा
3. प्रस्तुत अवतरण का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक होगा-
(A) समाचार-पत्र और भारतीय राजनीति
(B) आधुनिक युग में समाचार-पत्रों का महत्व
(C) समाचार-पत्र और लोकमत
(D) समसामयिक समाचार-पत्र
4. समाचार-पत्र बड़ी-बड़ी सेनाओं और बड़े-बड़े राजनीतिज्ञों को भी मात दे देते हैं; क्योंकि-
(A) वे विभिन्न शस्त्रों से सज्जित होते हैं
(B) उनकी मारक शक्ति अचूक होती है
(C) वे जन-जागरण में अद्वितीय भूमिका निभाते हैं
(D) वे चटपटी खबरें देते हैं
5. समाचार-पत्रों का महत्व मुख्यतः-
(A) चिरकालिक है
(B) अल्पकालिक है
(C) सामयिक है
(D) शाश्वत है
अपठित बोध Questions
अवतरण – 14 |
रवीन्द्रनाथ सांस्कृतिक स्वर के रूप में पूर्व और पश्चिम के समन्वय पर बल देते हैं, परन्तु पश्चिम विज्ञान को स्वीकार करते हुए भी उनहोंने उसके भौतिक प्रगतिशीलता के आदर्श को नहीं अपनाया है। वे समन्वय साधना का उत्कृष्टतम रूप भारतवर्ष की राष्ट्रीयता में देखते हैं। यह राष्ट्रीयता काल-प्रवाह में बहकर आई असंख्य जातियों-प्रजातियों के हार्दिक आदान-प्रदान, सहयोग और समन्वय के रूप में प्रतिफलित है। उनकी राष्ट्रीयता की कल्पना पश्चिम की शोषणशील एकांगी राष्ट्र-चेतना से भिन्न है, जो उपनिवेशों का निर्माण कर राष्ट्रीय जीवन-मान की अभिवृद्धि को ही एकमात्र सत्य जानती है। वस्तुतः भारतवर्ष की राष्ट्रीयता मानवीयता ही है और इसीलिए अन्तर्राष्ट्रीय चेतना से उसका किंचित् मात्र भी विरोध नहीं है। भारत का राष्ट्रधर्म मानवता की पुकार बनकर ही अपने आत्मधर्म को चरितार्थ कर सकता है।
1. उपर्युक्त अवतरण का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक हो सकता है-
(A) रवीन्द्र और भारतीय राष्ट्रीयता
(B) राष्ट्रीयता का सच्चा स्वरूप
(C) राष्ट्र धर्म और आत्म धर्म
(D) पूर्व और पश्चिम का समन्वय
2. रवीन्द्रनाथ के सांस्कृतिक स्वर की सर्वाधिक उल्लेखनीय विशेषता है-
(A) प्रगतिशीलता और विज्ञान का समन्वय
(B) अध्यात्म एवं विज्ञान का समन्वय
(C) भारतीय अध्यात्मवाद की प्रधानता
(D) पाश्चात्य वैज्ञानिकता की प्रमुखता
3. ‘भारतीय राष्ट्रीयता’ को पर्याय कहा जा सकता है-
(A) भौतिकवाद का
(B) मानवीयता का
(C) अध्यात्मवाद का
(D) प्रगतिशीलता का
4. पश्चिमी राष्ट्रचेतना को इसलिए एकांगी कहा गया है, क्योंकि वह-
(A) पारस्परिक आदान-प्रदान को महत्व देती है
(B) शोषण में विश्वास रखती है
(C) उपनिवेशवाद को बढ़ावा देती है
(D) राष्ट्रीय जीवन-मान की वृद्धि पर बल देती है
5. भारतीय राष्ट्रीयता अन्तर्राष्ट्रीय चेतना की अविरोधी है, क्योंकि वह-
(A) मानवीयता की समानार्थी है
(B) सहयोग और सौहार्द पर आधारित है
(C) पश्चिमी विज्ञान को स्वीकृति देती है
(D) सांस्कृतिक तत्वों पर बल देती है
Hindi Apathit Gadyansh Question Answer
अवतरण – 15 |
अंग्रेजों ने भारत पर सैकड़ों वर्ष तक “फूट डालो राज करो” वाली नीति से शासन किया। कई कुर्बानियों के बाद भारत स्वतंत्र हुआ। लेकिन अपनी पराजय से बौखलाए अंग्रेजों ने जाते-जाते साम्प्रदायिकता के जहर को हमारे देश में फैला दिया। साम्प्रदायिकता के इस विष को गाँधी ने अपने बलिदान से शांत किया। भारत की संविधान निर्मात्री सभा ने भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाया । परन्तु आज फिर भारत में साम्प्रदायिकता अपना सिर उठाने लगी है। आज हम फिर इसका शिकार हो रहे हैं।
1. अंग्रेजों ने भारत पर राज करने के लिए कौन-सी नीति अपनाई थी ?
(A) फूट डालो राज करो
(B) आतंकवाद
(C) भाईचारा और प्रेम
(D) इनमें से कोई नहीं
2. अंग्रेज जाते-जाते भारत को क्या दे गये ?
(A) आतंकवाद का जहर
(B) साम्प्रदायिकता का जहर
(C) प्रेम का जहर
(D) सद्भावना का जहर
3. भारत एक-
(A) राज्य नहीं है
(B) हिन्दू राष्ट्र है
(C) धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है
(D) देश का राज्य है
4. अंग्रजों ने भारत पर शासन किया-
(A) सैकड़ों वर्ष तक
(B) 10 वर्षों तक
(C) 5 वर्षों तक
(D) इनमें से कोई नहीं
5. अन्ततोगत्वा अंग्रेजों ने भारत को दी ?
(A) आजादी
(B) गुलामी
(C) साम्प्रदायिकता
(D) इनमें से कोई नहीं
अवतरण – 16 |
भारत जैसे देश के लिए सहकारिता की पद्धति को अपनाना विशेष रूप से आवश्यक है। इसका कारण यह है कि भारत में छोटे किसानों तथा व्यापारियों की संख्या ही अधिक है। ये लोग निर्धनता तथा विवशता के चक्र में बुरी तरह से फंसे हुए हैं। सहकारिता ही इनकी शक्तियों को एक सूत्र में पिरोकर उनका उद्धार कर सकती है। कृषि के क्षेत्र में तो सहकारिता की पद्धति विशेष रूप से उपयोगी है। इसकी सहायता से खेतों को बड़ा किया जा सकता है तथा क्रय-विक्रय का समुचित प्रबन्ध हो सकता है। गृह-उद्योगों के विकास के लिए भी सहकारिता की पद्धति बहुत लाभकारी है। बैंक, व्यापार तथा यातायात के क्षेत्र में भी सहकारिता के आधार पर संगठन किया जा सकता है। सहकारिता के सिद्धांतों की इन विशिष्टताओं को दृष्टि में रखकर ही हमारी पंचवर्षीय योजनाओं में सहकारिता को बहुत ऊँचा स्थान दिया गया है। योजना आयोग का यह विचार है कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सहकारिता का अधिकाधिक उपयोग किया जाना चाहिए।
1. सहकारिता का अर्थ है-
(A) सहानुभूतिपूर्वक कार्य करना
(B) अपनी प्रगति के लिए कार्य करना
(C) मिल-जुलकर कार्य करना
(D) दूसरों के लिए कार्य करना
2. सहकारिता का मुख्य उद्देश्य है-
(A) धन का समान वितरण
(B) पंचवर्षीय योजनाओं को सफल बनाना
(C) निर्धनों की शक्तियों को एकजुट करना
(D) छोटे कृषकों और व्यापारियों के आर्थिक स्तर को उठाना
Hindi Vyakaran Questions For Competitive Exams
अवतरण – 17 |
शिक्षक के चार पुत्र हैं। चारों पढ़े लिखे हैं। चारों की शादी हो चुकी है। प्रथम पुत्र की पत्नी का नाम अनु, दूसरे की रीता, तीसरे की टिकी चौथे की पुत्री है। चारों का अपना कुटुम्ब सुखद है। पहले पुत्र, तीसरे की सोच एक दूसरे से मिलती जुलती है। वे दोनों एक दूसरे के कार्यों और सामाजिक संगठनों में जीवन-साथी बनते हैं। शिक्षक के दोनों, रीता और टिकी से किसी प्रकार अपना जीवन अच्छी तरह बिता रहे हैं। शिक्षक की एक छोटी पुत्री है जिसकी शादी एक बैंक कर्मचारी से हुई है। उनको भी एक पुत्र और एक पुत्री है। यही समाज है तथा यही एक छोटा-सा परिवार है। इस संयुक्त परिवार की एक खासियत है कि इसकी एकता एक मिसाल है, शायद यह लोगों के लिए एक आदर्श के रूप में है। हमारे समाज को इनसे शिक्षा लेना चाहिए।
1. शिक्षक के कितने पुत्र हैं ?
(A) दो
(B) चार
(C) तीन
(D) दस
2. शिक्षक के पहले पुत्र से कितने पुत्र हैं ?
(A) एक
(B) दो
(C) तीन
(D) चार
3. शिक्षक की कितनी पुत्रियाँ हैं ?
(A) एक
(B) दो
(C) तीन
(D) चार
4. शिक्षक की पुत्री की शादी किससे हुई है ?
(A) रेलवे कर्मचारी
(B) स्कूल कर्मचारी
(C) सचिवालय कर्मचारी
(D) स्टेट बैंक कर्मचारी
5. शिक्षक का परिवार कैसा परिवार है ?
(A) संयुक्त परिवार
(B) एकल परिवार
(C) दोनों का मिश्रण
(D) इनमें से कोई नहीं
अवतरण – 18 |
सन् 1935 ई० में नल्नी दा० सी० सेन भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1958 में चुने गये थे। डा० सिंह अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति के ऐसे विद्वान हैं जो किसी एक विषय में नहीं बल्कि मानव विज्ञान, समाज विज्ञान से लेकर निहत्था तक गहरी पकड़ इनकी खासियत है। 1996 में दिल्ली इनकी पुस्तक ‘ईस्टर्न हिमालय देखा’ में आदिवासी जीवन पर आधारित अपना वृतान्त अरविन्द अधिकार कथा’ लिखा था। उनकी पुस्तक ‘बारहमास’ ‘पुरूल एवं हिज गिरनार्स’ 1874-1901′ उन सभी के लिए एक पथप्रदर्शक है जो आदिवासी आंदोलन पर कुछ लिखना चाहते हैं। उन्होंने मुनहरी मौखिक परम्परा को समृद्ध विरासत एवं परंपरा को उजागर किया है।
1. डा० के० एस० सिंह का जन्म कब हुआ था ?
(A) 1958 ई०
(B) 1900 ई०
(C) 1905 ई०
(D) 1935 ई०
2. डा० के० एस० सिंह किस सेवा के लिए चुने गये थे ?
(A) प्रशासनिक सेवा
(B) शिक्षण सेवा
(C) उपर्युक्त दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
3. डा० के० एस० सिंह कब प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गये ?
(A) 1920
(B) 1935
(C) 1958
(D) 1985
4. ‘ईस्टर्न हिमालय’ एण्ड होमिंग मिस्ट’ कब लिखी गयी ?
(A) 1999
(B) 1998
(C) 1997
(D) 1996
5. महारथवत्ता कैसी भाषा की लेखिका थी ?
(A) बंगला
(B) गुजराती
(C) मराठी
(D) अंग्रेजी